अब किसलिया कल की बाटो - The Indic Lyrics Database

अब किसलिया कल की बाटो

गीतकार - मुंशी अज़ीज़ो | गायक - सहगान, शांता हुबलीकार | संगीत - मास्टर कृष्णराव | फ़िल्म - | वर्ष - 1939

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किसलिये कल की बात
को : वाह-वाह
किसलिये कल की बात
कटी हँसी-ख़ुशी में रात -२
अब किसलिये कल की बात
किसलिये कल की बात
कटी हँसी-ख़ुशी में रात -२( हिल-मिल के रहें
सुख हँस के पियें ) -२
आ मिलें हाथ से हाथ -२ये हुस्न की बहार -२
नोटो यार भा भा (?)
हुस्न का भरोसा क्या
दो दिन है तार -२
घातों में है घातकिसलिये कल की बात -२
को : वाह-वाह
कटी हँसी-ख़ुशी में रात -२फूल सा जिस्म पुरबहार में है
आज लिपट इसका लुत्फ़ प्यार में है
इस जवानी का ऐतबार नहीं
भूल गयी थी भी इन्तज़ार में हैकिसलिये
को : किसलिये
किसलिये
किसलिये
किसलिये कल की बात
अब किसलिये कल की बात
कटी हँसी-ख़ुशी में रात -२laugh