तुम रूठ गईं रूठ गईं - The Indic Lyrics Database

तुम रूठ गईं रूठ गईं

गीतकार - डॉ सफदर 'आह' | गायक - सुरेंद्र, ज्योति | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - फागुन | वर्ष - 1958

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तुम रूठ गईं रूठ गईं बाह री सजनिया
तुम रूठ गईं
हाँ-हाँ
तुम रूठ गईं रूठ गईं बाह री सजनिया
तुम रूठ गईं
बलिहारी अरे हाँ
बलिहारी सजनिया
तुम रूठ गईं
हाँ-हाँ
तुम रूठ गईं रूठ गईं बाह री सजनिया
तुम रूठ गईं
बस जाओ नहीं आज से मैं प्यारी सजनिया
बस आओ
अरे हाँ
बस जाओ नहीं आज से मैं प्यारी सजनिया
झुकमारी सजनिया
बलिहारी अरे हाँ
बलिहारी सजनिया
तुम रूठ गईं
हाँ-हाँ
तुम रूठ गईं रूठ गईं बाह री सजनिया
तुम रूठ गईं
आ रूठने वाले तुझे छाती से लगा लें
रहने दो ये बातें
मस्तानी सजनिया मेरी मतवारी सजनिया
झिट्कारी सजनिया
बलिहारी अरे हाँ
बलिहारी सजनिया
तुम रूठ गईं
हाँ-हाँ
तुम रूठ गईं रूठ गईं बाह री सजनिया
तुम रूठ गईं
आँखों के दरीचों से मेरे मन में उतर आ
क्यूँ देते हो धोखा
है प्रेम की गागर लिये पनिहारी सजनिया
बहबारी सजनिया
बलिहारी अरे हाँ
बलिहारी सजनिया
तुम रूठ गईं
हाँ-हाँ
तुम रूठ गईं रूठ गईं बाह री सजनिया
तुम रूठ गईं
हाँ-हाँ
तुम रूठ गईं
हो-हो
तुम रूठ गईं$