बन के सुहागन - The Indic Lyrics Database

बन के सुहागन

गीतकार - सरशर सैलानी | गायक - लता | संगीत - हुस्नलाल -भगतराम | फ़िल्म - आधी रात | वर्ष - 1950

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बनके सुहागन रही अभागन, रूठ गई तक़दीर मेरी
रूठ गई तक़दीर मेरी)-2
अपनी ही तक़दीर के आगे, चल ना सकी तदबीर मेरी
रूठ गई तक़दीर मेरी ...

(आने को तो आई बहारें, लेकिन मैं बरबाद हुई
बसते बसते उजड़ गैइ मैन, ये कैसी बेदाग मेरी)-2
बनते बनते बिगड़ गई है, सपनोन की तसवीर मेरी
रूठ गई तक़दीर मेरी ...

(मंज़िल तक पहुँचे तो, मंज़िल और भी मुझसे दूर हुई
हँसते हँसते मेरी क़िसमत, रोने पे मजबूर हुई)-2
आज ज़माना हुआ बेगाना, कोई न समझे पीर मेरी
रूठ गई तक़दीर मेरी ...$