बन के सुहागन रही अभागन - The Indic Lyrics Database

बन के सुहागन रही अभागन

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - सहारा | वर्ष - 1958

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बन के सुहागन, रही अभागन
फूट गई तक़दीर मेरी
फूटी हुई तक़दीर के आगे
चल न सकी तदबीर मेरी

दिल में आग आँखों में पानी
हाय मेरी बरबाद जवानी
किसको सुनाऊँ ग़म की कहानी
कौन बँधाए धीर मेरी

ख़ून के आँसू पीती हूँ मैं
मौत की आस पे जीती हूँ मैं
इसके सिवा ऐ दुनिया वालो
कोई नहीं तक़दीर मेरी$