अखियां भुल गयिन हैं सोना: - The Indic Lyrics Database

अखियां भुल गयिन हैं सोना:

गीतकार - भरत व्यास | गायक - गीता दत्त, लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - गूंज उठी शहनाई | वर्ष - 1959

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को : ( हूँ हूँ हूँ हूँ
हूँ हूँ हूँ हूँ
हूँ हूँ हूँ हूँ
हूँ ) -२
आ आ आगी : होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना
को : होय होय होय
गी : दिल पे हुआ है जादू टोना
को : अ हाय
गी : शहनाई वाले तेरी शहनाई रे करेजवा को
चीर गई चीर गई चीर गई
को : होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना
दिल पे हुआ है जादू-टोना
शहनाई वाले तेरी शहनाई रे करेजवा को
चीर गई चीर गई चीर गई
होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोनागी : अब दिन ये कैसे गोरी आये
को : कैसे गोरी आये
गी : छुप-छुप के मिलना मन भाये
को : मिलना मन भाये
गी : सखियों से काहे अब चोरी
को : काहे अब चोरी
गी : बँध गई रे प्रीत की डोरी
को : प्रीत की डोरी
गी : कोई जुलमी सँवरिया की तिरछी नजरिया
हो मार गई मार गई मार गई
को : होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना
दिल पे हुआ है जादू-टोना
शहनाई वाले तेरी शहनाई रे करेजवा को
चीर गई चीर गई चीर गई
होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोनाल :सखियाँ न मारो मोहे ताने
जिसको न लागी वो क्या जाने
सखियाँ न मारो मोहे ताने
को : अच्छा जी
ल : जिसको न लागी वो क्या जाने
को : हूँ हूँ
ल : ओ ओ ओ ओ
भूल जाओगी भूल जाओगी
भूल जाओगी करना ये ठिठोली
कोई मिल गया जो हमजोली
कैसे बच के रहोगी
आहें भर के कहोगी
मैं तो हार गई हार गई हार गई
को : होय
गी : अखियाँ भूल गयीं हैं सोना
दिल पे हुआ है जादू-टोना
शहनाई वाले तेरी शहनाई रे कलेजवा को
चीर गई चीर गई चीर गई
को : होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोनागी : आपस में मिलते दीवाने
गी : और हमसे हो रहे बहाने
को : और हमसे हो रहे बहाने
गी : चितवन कमान पे जो ताने
वो बान हमने पहचाने
को : वो बान हमने पहचाने
गी : नजरों की ये घातें
चोरी चोरी मुलाक़ातें
हम जान गई जान गई जान गई
को : होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना
दिल पे हुआ है जादू-टोना
शहनाई वाले तेरी शहनाई रे करेजवा को
चीर गई चीर गई चीर गई
होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना