नुक्ताचिं है गम ए दिल उसको सुनाये ना बने मिर्जा गालिब - The Indic Lyrics Database

नुक्ताचिं है गम ए दिल उसको सुनाये ना बने मिर्जा गालिब

गीतकार - ग़ालिब | गायक - सुरैया | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - मिर्जा गालिब | वर्ष - 1954

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आ आ आनुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये न बने
उसको सुनाये न बने
क्या बने बात जहाँ बात बनाये न बने
नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिलग़ैर फिरता है लिये यूँ तेरे ख़त को के अगर
कोई पूछे के ये क्या है तो छुपाये न बने
नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिलमैं बुलाता तो हूँ उसको मगर ऐ जज़्बा-ए-दिल
उस पे बन जाये कुछ ऐसी कि बिन आये न बने -२
नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिलइश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब -२
कि लगाये न लगे और बुझाये न बने
नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये न बने