आज की रात नहीं शिकवे शिकायत - The Indic Lyrics Database

आज की रात नहीं शिकवे शिकायत

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - एन दत्ता | फ़िल्म - धर्मपुत्र | वर्ष - 1960

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आज की रात नहीं शिकवे शिकायत के लिये
आज हर लम्हा हर एक पल है मुहब्बत के लिये
रेशमी सेज है महकी हुई तन्हाई है
आज की रात मुरादों की बारात आई है
आज की रात ...

हर गुनाह आज मुक़द्दस है फ़रिश्तों की तरह
काँपते हाथों को मिल जाने दो रिश्तों की तरह
आज मिलने में न उलझन है न रुसवाई है
आज की रात मुरादों की बारात आई है
आज की रात ...

अपनी ज़ुल्फ़ें मेरे शाने पे बिखर जाने दो
इस हसीं रात को कुछ और निखर जाने दो
सुबह ने आज न आने की क़सम खाई है
आज की रात मुरादों की बारात आई है
आज की रात ...