महजबीं नो मुझको दिलदार यार ऐसा चाहि - The Indic Lyrics Database

महजबीं नो मुझको दिलदार यार ऐसा चाहि

गीतकार - समीर | गायक - विनोद राठौड़, अलीशा चिनॉय | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - अग्नि साक्षी | वर्ष - 1996

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महजबीं no
नाज़नीं no
गुलबदन no
दिलनशी no
मुझको दिलदार यार ऐसा चाहिए चेहरा जिसका तेरे जैसा हो
हाँ मुझको तो दिलदार ऐसा चाहिए चेहरा जिसका तेरे जैसा हो
महजबीं no...शरारत है निगाहों में मुहब्बत है सदाओं में
तेरे होंठों पे शबनम है के हैं अंगूर के दाने
तेरे गेसू निराले हैं ये काजल से भी काले हैं
तेरी आँखें मैखाने हैं
तेरी बातों में जादू है तेरी साँसों में खुश्बू है
तुझे देखे बिना दिलबर दीवाना दिल नहीं माने
सिवा मेरे किसी की तुम कभी तारीफ़ न करना
यही इक राज़ तुमको समझाना है
अप्सरा no
सुन्दरी no
गुलबदन no...क़यामत की अदा आई तू जन्नत से चली आई
तेरे जैसा नहीं कोई मेरे हमदम ज़माने में
जिसे चाहा ख्यालों में जिन्हें देखा था ख्वाबों में
उन्हीं ख्वाबों की तू ताबीर हैमेरे महबूब मेरी जां मेरी हसरत मेरे अरमां
तेरा ही नाम लिखा है मेरे दिल के फ़साने में
मेरे मजनूं मेरे रांझा मेरे आगोश में आजा
जुड़ी तुझसे मेरी तकदीर है
चाँदनी no
मनचली no
गुलबदन no...