मेरी आंखों में आकार समाया है तुउ - The Indic Lyrics Database

मेरी आंखों में आकार समाया है तुउ

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - | संगीत - राय चंद बोराल, पंकज मलिक | फ़िल्म - | वर्ष - 1936

View in Roman

मेरी आँखों में आकर समाया है तू
मुझको आठों पहर है तेरी जुस्तजूगोरे मजनूं से लैला ने जाकर कहा
क़ुश्ता-ए-नाज़ बाक़ी है अब दिल में क्या
गोरे मजनूं से उस वक़्त आई सदा
बस तेरी जुस्तजू है तेरी जुस्तजू
मुझे आठों पहर ...अब मैं समझा कि बुलबुल है नाशाद क्यों
जल के परवाना होता है बरबाद क्यों
कैसे जंगल में क्यों कोह में फ़रियाद क्यों
जिसको देखा उसे है तेरी जुस्तजू
मुझे आठों पहर ...