भगवान इक कुसूर की इतनी बड़ी साज़ा - The Indic Lyrics Database

भगवान इक कुसूर की इतनी बड़ी साज़ा

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - गहरा दाग | वर्ष - 1963

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भगवान इक क़ुसूर की इतनी बड़ी सज़ा
दुनिया तेरी यही है तो दुनिया से मैं चला
भगवान इक क़ुसूर ...दुनिया के ज़ालिमों ने चलाईं वो आँधियाँ
सारे चिराग़ बुझ गए मैं देखता रहा
दुनिया तेरी यही है ...मैं ये समझ रहा था मेरे दाग़ धुल गए
होगा कुछ और ख़ून-ए-जिगर ये पता न था
दुनिया तेरी यही है ...मुझ सा बदनसीब न होगा जहान में
जो भी मिला उसी ने गुनहगार ही कहा
दुनिया तेरी यही है ...