मेरी रातों के अंधेरे में उजाले तुम हो - The Indic Lyrics Database

मेरी रातों के अंधेरे में उजाले तुम हो

गीतकार - शम्स अज़ीमाबादी | गायक - तलत | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - ख़ूबसूरत | वर्ष - 1952

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मेरी रातों के अंधेरे में उजाले तुम हो
जिस पे सौ चाँद हैं क़ुरबान वो तारे तुम हो
मेरी रातों के
जिस तरफ़ देखता हूँ तुम ही नज़र आते हो
जो निगाहों में बसे हैं वो नज़ारे तुम हो
जिस पे सौ चाँद हैं क़ुरबान
दिल तो क्या चीज़ है अब जान भी है तुम पे निसार
जान-ओ-दिल से भी ज्यादा मुझे प्यारे तुम हो
जिस पे सौ चाँद हैं क़ुरबान