रुत है सुहानी मस्त हवाईएं - The Indic Lyrics Database

रुत है सुहानी मस्त हवाईएं

गीतकार - आरज़ू लखनवी | गायक - कानन देवी, के एल सहगल | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - स्ट्रीट सिंगर | वर्ष - 1938

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सै : कौन सा गानाका : रुत है सुहानी मस्त हवायें -२
छाई हैं ऊँदी घटायें -२
रुत है सुहानी मस्त हवायें -२सै : सुख का जागना
का : सुख का सोना
दो : हर करवट सुख होना-होना है
सुख का जागना
सुख का सोना
हर करवट सुख होना-होना है
सुख का जागनासै : दुनिया आगे बढ़े तो हम भी पीछे क्यूँ रह जायें -२सै : ये क्या करती हो
का : मेरी ख़ुशी
मेरा घर
जो जी चाहेगा करूँगी
सै : अच्छा
करो
का : ज़ुरूर करूँगी
करूँगी तोका : ( फूलों से रानाई सीखें
ग़ुंचो से ज़ेबाई सीखें ) -२
सै : ( जैसे रंग रचे हों सबमें
वोही रंग रंग जायें ) -२
दो :हम भी वोही रंग रंग जायें