सुनो छोटीसी गुड़िया की लम्बी कहानी - The Indic Lyrics Database

सुनो छोटीसी गुड़िया की लम्बी कहानी

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - सीमा | वर्ष - 1955

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सुनो छोटी सी गुड़िया की लम्बी कहानी
जैसे तारों की बात सुने रात सुहानी
जिसकी किस्मत में ग़म के बिछौने थे, आंसू ही खिलौने थे
दर्द की सखियाँ थी दुःख भरी अंखियाँ थी
घर भी न था कोई और दर भी न था कोई
भरे आँचल में ग़म छुपाए आँखों में पानी
दिल में ये अरमान थे एक छोटासा बंगला हो
चांदी सी धरती पर सोने का जंगला हो
खेल हो जीवन के यहाँ मेल हो जीवन के
गया बचपन तो आंसू भरी आई जवानी
चाँद का डोला हो और बिजली का बाजा हो
डोले में रानी हो और घोड़े पे राजा हो
प्यार के रस्ते हो और फूल बरसते हो
बनना चाहती थी एक दिन वो तारों क रानी
टूटे पलभर में सपनों के मोती भी, लूट गई ज्योति भी
रह गए अंधेरे, उजड़े हुए सवेरे
बात ये पूरी थी और फिर भी अधुरी थी
होगा अन्जाम क्या ये ख़बर ख़ुद भी न जानी
आईं खुशियां भी प्यार की राहों पर इठलाती हवाओं पर
ग़म के गए बादल, चाँद बना पायल
सजके बहार आई और झूम के लहराई
हँसे आंचल में तारे, रुत आई सुहानी
सच ही हुए आखिर अरमान के हर सपने
गैर थी ये दुनिया और बन गए सब अपने
गीत बनी आहें और खुल गईं सब राहें
ये है जीवन की गीता और दिल की जबानी