चलो रे डोली उथाओ कहारो - The Indic Lyrics Database

चलो रे डोली उथाओ कहारो

गीतकार - वर्मा मलिक | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - जानी दुश्मन | वर्ष - 1979

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चलो रे डोली उठाओ कहार
पीया मिलन की रुत आई
पी की नगरी ले जाओ कहार
पीया मिलन की रुत आईजिन नैनों की तू है ज्योती
उन नैनों से बरसे मोती
दावा नहीं है कोई ज़ोर नहीं है
बेटी सदा ही पराई होती
जळी नैहर से ले जाओ, कहार
पीया मिलन की रुत आईछाई है देखो हरियाली
आई है रुत खुशियों वाली
हर आशा पर्वान (???) चढ़ी
दिन है दसहरा रात दीवाली
गले डाल बाहों का हार, कहार
पीया मिलन की रुत आईतन मैके मन तेरी नगरिया
उड़ जाऊँ मैं बनके बदरिया
चाँद नगर को चली चकोरी
प्यासी हूँ मिलन की साँवरिया
मेरे सपने सजाओ, कहार
पीया मिलन की रुत आईसूनी पड़ी भैया की हवेली
व्याकुल बहना रह गई अकेली
जिन संग नाची जिन संग खेली
छूट गई वो सखी सहेली
अब न देरी लगाओ, कहार
पीया मिलन की रुत आई