अरे मर गये ऐसा तीर चल मेरे दिल पर - The Indic Lyrics Database

अरे मर गये ऐसा तीर चल मेरे दिल पर

गीतकार - प्रकाश मेहरा | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - दलाल | वर्ष - 1993

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उ: गोरी ओ
अरे मर गये मर गये फोकट में हम कोई तो हमको लियो बचाय
ऐसा तीर चला मेरे दिल पर जिसकी मार सही न जाय -२
दिल की बात अटक गई दिल में मुँह से हाय कही ना जाय
तेरे नैन पे कविता लिखे कलम टूट के रह-रह जाय
तेरी ज़ुल्फ़ की बात चले तो बिन बादल बरखा हो जाय
ऐसा तीर चला मेरे दिल पर जिसकी मार सही न जायगोरी ओ
अरे मर गये मर गये फोकट में हम कोई तो हमको लियो बचाय
तेरी चाल की क्या मिसाल दें हिरनी नागिन भी शरमाय
मेरे दिल पे गिरें बिजलियाँ कमर पे जब चोटी लहराय
तेरे रूप के आगे दर्पण भी टुकड़े हो जाय
तेरे बदन के महक से गोरी चंदन भी फीका पड़ जाय
ऐसा तीर चला मेरे दिल पर जिसकी मार सही न जायगोरी ओ
अरे मर गये मर गये फोकट में हम कोई तो हमको लियो बचाय
कलियों की है तू शहज़ादी फूलों की मलिका कहलाय
हर एक चमन में चर्चा तेरा हर भँवरा तेरे गुन गाये
जितानी भी तारीफ़ करें हम उतनी ही कम पड़ती जाय
अब तो अंग लगा ले मुझको मेरा जनम सफल हो जाय
ऐसा तीर चला मेरे दिल पर जिसकी मार सही न जायअ: छोरे ओ
अरे मर गये मर गये फोकट में हम कोई तो हमको लियो बचाय
तेरी मीठी बातें सुन के ढेरों मिसरी घुल-घुल जाय
मैं दीवानी हो गई तेरी तूने मुझको दिया फँसाय
तेरी मीठी बातें सुन के ढेरों मिसरी घुल-घुल जाय
छोरे ओ
प्रेम डगर काँटों से भरी है हम देते हैं तुझे बचाय
प्यार के रस्ते पे ले जा के कहीं तू हमको भूल न जाय
हाँ प्यार के रस्ते पे ले जा के कहीं तू हमको भूल न जायउ: हाय ये तूने क्या कह डाला प्राण जाय पर वचन न जाय
एक जनम की बात छोड़ तू देंगे सातों जनम निभाय
अ: अब तो अंग लगा ले मुझको मेरा जनम सफल हो जाय -२
दो: ऐसा तीर चला मेरे दिल पर जिसकी मार सही न जाय
दिल की बात अटक गई दिल में मुँह से हाय कही ना जाय
उ: गोरी ओ
अ: छोरे ओ