कितना हसीं है मौसम, कितना हसीं सफर है - The Indic Lyrics Database

कितना हसीं है मौसम, कितना हसीं सफर है

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता - चितळकर | संगीत - सी. रामचंद्र | फ़िल्म - आज़ाद | वर्ष - 1955

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कितना हसीन है मौसम, कितना हसीन सफ़र है
साथी है खुबसूरत, ये मौसम को भी खबर है
मिलती नहीं है मंज़िल, राही जो हो अकेला
दो हो तो फिर जहाँ भी, चाहे लगा लो मेला
दिल मिल गये तो फिर क्या, जंगल भी एक घर है
ना जाने ये हवायें क्या कहना चाहती हैं
पंछी तेरी सदायें क्या कहना चाहती हैं
कुछ तो है आज जिस का हर चीज़ पर असर है
कुदरत ये कह रही है, आ दिल से दिल मिला ले
उल्फ़त से आग ले कर, दिल का दिया जला ले
सच्ची अगर लगन है, फिर किस का तुझको डर है