इक आए इक जाए मुसाफ़िर - The Indic Lyrics Database

इक आए इक जाए मुसाफ़िर

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - श्यामल मित्र | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - मुसाफिर | वर्ष - 1957

View in Roman

इक आए इक जाए मुसाफ़िर
दुनिया एक सराय रे
इक आए इक जाए मुसाफ़िर
अलबेले अरमानों के तूफ़ान लेकर आए
नादान सौ बरस के सामान लेकर आ-ए
और धूल उड़ाता चला जाए
इक आए, इक जाए मुसाफ़िर
दिल की ज़ुबाँ अपनी है दिल की नज़र भी अपनी
पल भर में अनजाने से पहचान भी हो जाए
पहचान दो घड़ी की बन प्यार मुस्कुराए
दो दिन की ज़िंदगी रंग लाए
इक आए, इक जाए मुसाफ़िर
आने वाले ख़ुशियों में बीतेगा दर्द भुलाया
आख़िर तो मिट जाता है कल के ग़मों का साया
हर सुबह रात को भूल जाए
इक आए, इक जाए मुसाफ़िर