सुनी रात में खो गए - The Indic Lyrics Database

सुनी रात में खो गए

गीतकार - गुलजार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - सन्नाटा | वर्ष - 1966

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दो अकेले चल रह हैं
रात अकेली, चाँद अकेला
हमसफर दो अजनबी से
रात अकेली, चाँद अकेला
सुनी रात में खो गए
चाँद के साये
आवारा सफर
जाए कौन कहाँ
वीरां है ज़मीं
वीरां आसमां
दो किनारे चल रहे हैं
रात अकेली, चाँद अकेला
आवाजों में हैं सन्नाटों की धुन
नग़्मों की जुबां खामोशी है सुन
दो इशारे चल रहे हैं
रात अकेली, चाँद अकेला
सुनी रात में खो गए
चाँद के साये