भोर भये पनघट पे - The Indic Lyrics Database

भोर भये पनघट पे

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - सत्यम शिवम सुन्दरम | वर्ष - 1978

View in Roman

भोर भये पनघट पे
मोहे नटखट श्याम सताये
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करूँ हाए राम हाए हाए
कोई सखी, सहेली नाही संग मैं अकेली
कोई देखे तो ये जाने
पनिया भरने के बहाने
गगरी उठाये राधा शाम से मिलने जाये
आये पवन झकोरा, टूटे अंग अंग मोरा
चोरी चोरी चुपके चुपके
बैठा कहीं पे वो छुपके
देखे मुस्काये, निर्लज को लाज ना आये
मैं ना मिलूँ डगर में
तो वो चला आया घर में
मैं दूँ गाली, मैं दूँ झिड़की, मैं ना खोलूँ बंद खिड़की
निंदिया जो आये तो वो कंकर मार जगाये