सुनयना सुनयना आज इन नजारों को तुम देखो - The Indic Lyrics Database

सुनयना सुनयना आज इन नजारों को तुम देखो

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - येसुदास | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - सुनयना | वर्ष - 1978

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सुनयना सुनयना सुनयना सुनयना
आज इन नजारों को तुम देखो
और मैं तुम्हें देखते हुये देखूं
मैं बस तुम्हें देखते हुये देखूं
प्यारी हैं फूलों की पंखुडियां
पर तेरी पलकों से प्यारी कहाँ
फूलों की खुशबू से की दोस्ती
थी इन की रंगों से यारी कहाँ
आज खिले फूलों को तुम देखो
और मैं तुम्हें देखते हुये देखूं
मैं बस तुम्हें देखते हुये देखूं
ऊंचे महल के झरोकें से तुम
अम्बर की शोभा निहारो ज़रा
रंगों से रंगों का ये मेल जो
आँखों से मन में उतारो ज़रा
दूर आसमानों को तुम देखो
और मैं तुम्हें देखते हुये देखूं
मैं बस तुम्हें देखते हुये देखूं
लो दिन ढला रात होने लगी
तारों की दुनिया में खो जाओ तुम
मैं जाग कर तुमको देखा करूँ
सो जाओ तुम ज़रा सो जाओ तुम
आज मेरे सपनों को तुम देखो
आज मीठे सपनों को तुम देखो
और मैं तुम्हें देखते हुये देखूं
मैं बस तुम्हें देखते हुये देखूं