बुलबुला रे बुलबुला मुझको बाहों में सुला - The Indic Lyrics Database

बुलबुला रे बुलबुला मुझको बाहों में सुला

गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - आंटी नंबर 1 | वर्ष - 1998

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बुलबुला रे बुलबुला मुझको बाहों में सुला
खो के मेरी आशिक़ीं में सारी दुनिया को भुलाबुलबुला रे बुलबुला दिलरुबा कह कर बुला
साथिया तेरे लिए तो दिल का दरवाज़ा खुला
बुलबुला रे ...मनचली इन वादियों में खुश्बुएं हैं प्यार की
कर दे पूरी आज सारी ख्वाहिशें दिलदार की
कह रहे हैं ये नज़ारे रुत यही दीदार की
ना रहेगी अब अधूरी आरज़ू मेरे यार की
बुलबुला रे ...गोरा गोरा रूप तेरा काले काले बाल हैं
होंठ तेरे हैं रसीले फूल जैसे गाल हैं
मैं दीवानी हो रही हूँ और ना तारीफ़ कर
बढ़ रही है बेकरारी डाल ना ऐसी नज़र
बुलबुला रे ...