भोर भये पंछी धुन ये सुनाए - The Indic Lyrics Database

भोर भये पंछी धुन ये सुनाए

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - आंचल | वर्ष - 1980

View in Roman

भोर भये पंछी धुन ये सुनाए
जागो रे गई ऋतु फिर नहीं आए
पनघट चली गाँव की हर गली जागी
गोरी कहीं और कहीं साँवली जागी
आँचल की छैय्या अपने सैंयाँ को बुलाए
मैं भी वहीं है जहाँ मोहना मेरा
मधुबन मेरा तो यहीं आँगना मेरा
ये दर ना छुटे चाहे दुनिया छुट जाए