देखना मेरे सर से चुप चुप के - The Indic Lyrics Database

देखना मेरे सर से चुप चुप के

गीतकार - गुलजार | गायक - सहगान, सोनू निगम, महालक्ष्मी अय्यर | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - बंटी और बबली | वर्ष - 2005

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सो: देखना मेरे सर से आसमाँ उड़ गया है -२
देखना आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से -२
( चुप-चुप के छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के छुप-छुप के रे ) -३

म: देखना क्या हुआ है ये ज़मीं बह रही है
देखना पानियों में ज़मीं घुल रही है कहीं से
सो: देखना आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से
म: ( चुप-चुप के छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के छुप-छुप के रे ) -२ ||स्थायी||

सो: होश में मैं नहीं ये गशी भी नहीं
इस सदी में कभी ये हुआ ही नहीं
म: जिस्म घुलने लगा रूह गलने लगी
पाँव रुकने लगे राह चलने लगी
सो: आसमाँ बादलों पर करवटें ले रहा है
देखना आसमाँ ही बरसने लगे न ज़मीं पे
म: ये ज़मीं पानियों की डुबकियाँ ले रही हैं
देखन उठके पैरों पे चलने लगे न कहीं पे ||१||
( चुप-चुप के छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के छुप-छुप के रे ) -२

सो: तुम कहो तो रुकें तुम कहो तो चलें
ये जुनूँ है अगर तो जुनूँ सोच लें
म: तुम कहो तो रुकें तुम कहो तो चलें
मुझको पहचानती हैं कहाँ मंज़िलें

सो: देखना मेरे सर से आसमाँ उड़ गया है
देखना आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से
म: देखना क्या हुआ है ये ज़मीं बह रही है
देखना पानियों में ज़मीं घुल रही है कहीं से ||२||
दो: ( चुप-चुप के छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के छुप-छुप के रे ) -२
( चुप-चुप के
चोरी से चोरी
चुप-चुप
के रे ) -२
बंटी की बबली और बबली का बंटी
बंटी की बबली हुई
सो: बंटी की बबली और बबली का बंटी
म: बंटी की बबली
सो: हुई