सूना-सूना, लम्हा-लम्हा, मेरी राहें, तन्हा-तन्हा - The Indic Lyrics Database

सूना-सूना, लम्हा-लम्हा, मेरी राहें, तन्हा-तन्हा

गीतकार - नीलेश मिश्रा | गायक - श्रेया घोषाल | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - क्रिष्णा कॉटेज | वर्ष - 2004

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सूना-सूना, लम्हा-लम्हा, मेरी राहें, तन्हा-तन्हा
आ कर मुझे तुम थाम लो, मंज़िल तेरी देखे रस्ता
मुड़ के ज़रा अब देख लो, ऐसा मिलन फिर हो ना हो
सबकुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है, आ जा, तेरा इंतज़ार है, आ जा
बिछडे भी हम जो कभी रास्तों में तो संग-संग रहूँगी सदा
कदमों की आवाज सुन के चलूँगी तुम्हे ढूँढ लूँगी सदा
भूली मोहोब्बत की ये खुशबुएँ हैं हवाओं में फैली हुई
छूकर मुझे आज महसूस कर लो, वो यादें मेरी अनछुई
ऐसा मिलन फिर हो ना हो, सबकुछ मेरा तुम ही तो हो
यादों के धागों में हमतुम बंधे हैं, जरा ड़ोर तुम थाम लो
बाहों में फिर से पिघल जाने दो मुझको फिर से मेरा नाम लो
मैं वो शमा हूँ जो रौशन तुम्हें कर के ख़ुद तो पिघल जाऊँगी
सुबह का सूरज तुम्हारे लिए है, मैं हूँ रात ढ़ल जाऊँगी
ऐसा मिलन फिर हो ना हो, सबकुछ मेरा तुम ही तो हो