बरखा की रात आई मनवा - The Indic Lyrics Database

बरखा की रात आई मनवा

गीतकार - मुंशी आरज़ू | गायक - पंकज मलिक | संगीत - तिमिर बरन | फ़िल्म - अधिकार | वर्ष - 1938

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बरखा की रात आई मनवा
कर ले मन का बात
गरजत संकट का बदरवा
दुःख की पड़त फुहार
मनवा कर ले मन का बात ...कारी रैना नागिन अचकाए
जियारा देख डराए
मेघा गरजे जियारा लरजे
खोलो मन का द्वार
मनवा कर ले मन ला बात ...नैनन से नैना मुस्काये
छाये जगत उजियारा
मन में झर झर अमृत बरसे
जैस सावन की फुहार
मनवा कर ले मन का बात ...आओ बरखा रुत में बोले
ब्याकुल मन के बैन
छोड़ जगत की उल्टी रीति
झूठा है संसार
मनवा कर ले म का बात ...