वो सादगी कहें इसे दीवानगी कहें ... - The Indic Lyrics Database

वो सादगी कहें इसे दीवानगी कहें ...

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - चौदहवीं का चाँदी | वर्ष - 1960

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वो सादगी कहे
इसे दीवानगी कहे
वो सादगी कहे
इसे दीवानगी कहे
उन का बढ़ा जो हाथ
यहाँ दिल लुटा दिया

पहले पाहल के दर्द
की लज़्ज़त न पूछिए
पहले पाहल के दर्द
की लज़्ज़त न पूछिए
लज़्ज़त न पूछिए
उठी जो दिल में हूक तो
मैं मुस्कुरा दिया
उठी जो दिल में हूक तो
मैं मुस्कुरा दिया
उन का बढ़ा जो हाथ
यहाँ दिल लुटा दिया

ये कौन सोचता है
के साजदा क़ुबूल हो

ये कौन सोचता है
के साजदा क़ुबूल हो
सजदा क़ुबूल हो
ये कौन देखता है
कहाँ सर झुका दिया
ये कौन देखता है
कहाँ सर झुका दिया
उन का बढ़ा जो हाथ
यहाँ दिल लुटा दिया

आँचल की ओट हो के
न हो अब नसीब में
आँचल की ओट हो के
न हो अब नसीब में
अब नसीब में
मैंने चराग आज
हवा में जला दिया
मैंने चराग आज
हवा में जला दिया
उन का बढ़ा जो हाथ
यहाँ दिल लुटा दिया.