जे हम तुम चोरी से बंधे एक डोरी से - The Indic Lyrics Database

जे हम तुम चोरी से बंधे एक डोरी से

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - धरती कहे पुकार के | वर्ष - 1969

View in Roman

मु : जे हम-तुम चोरी से बंधे एक डोरी से
जइयो कहाँ ऐ हुज़ूर
ल : अरे ई बंधन है प्यार का
जे हम-तुम चोरी ...मु : कजरा वाली फिर तू ऐसे काहे निहारे
ई चितवन के गोरी माने तो समझा जा रे
ल : मतलबवा एक है एक है नैनन पुकार का
जे हम-तुम चोरी ...
दो : ऐ हुज़ूर
मु : जे हम-तुम चोरी ...ल : देखो बादर आए पवन के पुकारे
उल्फ़त मेरी जीती अनाड़ी पिया हारे
मु : आएगा रे मजा रे मजा अब जीत-हार का
दो : जे हम-तुम चोरी ...मु : घूँघट में से मुखड़ा दीखे अभी अधूरा
आ बैंया में आजा मिलन तो हो पूरा
ल : ई मिलना तो नहीं तो नहीं कुछ एक बार का
जे हम-तुम चोरी ...