पतझड़ के गे दिन बीत बसंती फूल खिले - The Indic Lyrics Database

पतझड़ के गे दिन बीत बसंती फूल खिले

गीतकार - नरेंद्र शर्मा | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - उद्धार | वर्ष - 1949

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पतझड़ के गये दिन बीत
बसंती फूल खिलेधरती तो वही पर बाग़ नये
सूर-ताल वही पर राग नये
नया जीवन, नया संगीत
बसन्ती फूल खिले
पतझड़ के दिन गये बीतसब के मन के गगन में उषायें हँसी
नई किरणों की कलियाँ हृदय में बसीलता, पुरुष स्वर, पुरुष साथी :
सूर्योदय हुआ, सर्वोदय हुआ
नई राहें बनी नई रीत
फूल खिले
बसन्ती फूल खिले
बसन्ती फूल खिले