अत्याचार जो करते रहे - The Indic Lyrics Database

अत्याचार जो करते रहे

गीतकार - खालिद | गायक - अलका याज्ञिक, अमित कुमार, शब्बीर कुमार | संगीत - विजय बतलवी | फ़िल्म - आग के शोले | वर्ष - 1988

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कल तक जनता पे
अत्याचार जो करते रहे
अब पड़ा मतलब तो
हमदर्द बनकर आ गए

बालम पतियो न
बालम पतियो न
बालम पतियो न हम
तुम्हे न देंगे वोट
हम तुम्हे न देगे
वोट बहुत बतियाओ न
बालम पतियो न

वही हो तुम जिसने जनता
के मुँह से छीनी रोटी
वही हो तुम जिसने जनता
के मुँह से छीनी रोटी
छीन के रोटी दिल न भरा
तो छीन ली लँगोटी
बालम पतियो न
बालम पतियो न हम
तुम्हे न देंगे वोट
हम तुम्हे न देगे
वोट बहुत बतियाओ न
बालम पतियो न

हाकिम उसे बनायेगे जो
हुकुम न हम पे चलाये
अरे हाकिम उसे बनायेगे जो
हुकुम न हम पे चलाये
नेता उसे बनायेगे जो मॉल
न घर ले जाये बालम पतियो
बालम पतियो न हम
तुम्हे न देंगे वोट
हम तुम्हे न देगे
वोट बहुत बतियाओ न
बालम पतियो न

हर बहुत पहने फूलो
के अब जूतों के पेहनो
हर बहुत पहने फूलो
के अब जूतों के पेहनो
बेलन लेकर इनकी
चपाती कला बनाओ
बहम बालम पतियो न
बालम पतियो न हम
तुम्हे न देंगे वोट
हम तुम्हे न देगे
वोट बहुत बतियाओ न
बालम पतियो न

उजले कपड़े पहने लेकिन
मन हैं तेरा काला
उजले कपड़े पहने लेकिन
मन हैं तेरा काला
ोये बगलाभकत बनकर
लाखो का किया घोटाला
ोये मैं क्या झुट
बोलिया ोये नहीं.