सुन री पवन, पवन पुरवैया - The Indic Lyrics Database

सुन री पवन, पवन पुरवैया

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - अनुराग | वर्ष - 1972

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सुन री पवन, पवन पुरवैया
मैं हूँ अकेली, अलबेली, तू सहेली मेरी बन जा साथियाँ
चल तू मेरा आँचल थाम के
अन्जाने रस्ते इस गाम के
साथी हैं ये मेरे नाम के
नैन ये निगोड़े किस काम के
डोले मेरा मन ऐसे जैसे नैया
कोई तो हो ऐसा पूछे बात जो
गिरूँ तो पकड़ लेवे हाथ जो
हसे रोए सदा मेरे साथ जो
सोए जागे संग दिनरात जो
ऐसे हो मिलन जैसे धूप छैया