हुई शाम उनका कायाल आ गया: - The Indic Lyrics Database

हुई शाम उनका कायाल आ गया:

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - मेरे हमदम मेरे दोस्त | वर्ष - 1968

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हुई शाम उन का ख़याल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गयाअभी तक तो होंठों पे था तबस्सुम का एक सिलसिला
बहुत शादमां थे हम उनको भुलाकर
अचानक ये क्या हो गया
कि चेहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया ...हमें तो यही था गुरूर गम-ए-यार है हम से दूर
वही ग़म जिसे हमने किस-किस जतन से
निकाला था इस दिल से दूर
वो चलकर क़यामात की चाल आ गया ...