काश ऐसा होता - The Indic Lyrics Database

काश ऐसा होता

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 1978

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दीवार जो इतनी न ूँछी न होती
छत पे अकेली तू जब रात सोती
कंकर मार के तुझको मैं जगाता
काश ऐसा होता
तेरी गली में होता मेरा चौबारा
चौबारे से देखती तुझे दिन सारा
आँगन में तेरे खुलता मेरा झरोका
झाँक लेति निचे मिलते ही मौके
काश ऐसा होता
तेरी गली में होता मेरा चौबारा
चौबारे से देखता तुझे दिन सारा
आँगन में तेरे खुलता मेरा झरोका
झाँक लेति निचे मिलते ही मौके
काश ऐसा होता

काश ऐसा होता
घर तेरा होता सामने मेरे घर के
तू मेरी खिड़की पे पास गुजराके लिखके रोज चिठ्ठी फेक जाता
काश ऐसा होता

काश ऐसा होता
 

 

जी जान से तू मुझे प्यार करती
जब दर्पण लेके तू सिंगार करती
जब दर्पण लेके तू सिंगार करती
मैं दूर से देखता मुस्कुराता
काश ऐसा होता

हाँ सुन्दर यह सपना मगर नसीब अपना
बहाके यह पसीना हमें है यार जीना
करे गरीब उल्फ़त
हमारी जिन्दगानी तेरी मेरी जवानी
इसी तरह कटेगी कमाते अपनी रोटी
न जाने तू कहाँ है
यहाँ वहाँ धुंवा है
सोचके यह दिल को हम दे रहे है धोका
हम्म मम मम होता
तेरी गली में होता मेरा चौबारा
चौबारे से देखती तुझे दिन सारा काश ऐसा होता
आँगन में तेरे खुलता मेरा झरोका काश ऐसा होता
झाँक लेति निचे मिलते ही मौके काश ऐसा होता
काश ऐसा होता