सारी कुशियां हैं मुहब्बत की जमाने के लिए - The Indic Lyrics Database

सारी कुशियां हैं मुहब्बत की जमाने के लिए

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - सुहाना सफर | वर्ष - 1970

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सारी खुशियाँ हैं मुहब्बत की ज़माने के लिये
मैं ने तो प्यार किया आँसू बहाने के लिये
सारी खुशियाँ हैं ...काश ये जज़बा-ए-दिल काम तो आ जाता कभी
उनके होंठों पे मेरा नाम तो आ जाता कभी
याद कर लेते मुझे भूल ही जाने के लिये
सारी खुशियाँ हैं ...खून-ए-दिल खून-ए-जिगर खून-ए-तमन्ना के सिवा
सारी दुनिया में मुझे रंग न कोई भी मिला
अपने अरमानों की तसवीर बनाने के लिये
सारी खुशियाँ हैं ...