आज कोई नहीं अपना किसे गम ये सुनाएं - The Indic Lyrics Database

आज कोई नहीं अपना किसे गम ये सुनाएं

गीतकार - योगेश | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - अग्निपरीक्षा | वर्ष - 1981

View in Roman

आज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं
तड़प-तड़प कर, यूँ ही घुट-घुट कर
दिल करता है मर जाएं
आज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं(सुलग-सुलग कर दिन पिघले, दिन पिघले
आँसुओं में भीगी-भीगी रात ढले) -२
हर पल बिखरी तनहाइयों में
यादों की शमा मेरे दिल में जले
तुम ही बतला दो हमें
हम क्या जतन करें, ये शमा कैसे बुझाएं
आज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं(न हमसफ़र कोई न कारवां, न कारवां
ढूँढें कहाँ तेरे क़दमों के निशां) -२
जब से छूटा साथ हमारा
बन गई साँसें बोझ यहाँ
बिछड़ गए जो तुम
किस लिये माँगें हम, फिर जीने की दुआएंआज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं
तड़प-तड़प कर, यूँ ही घुट-घुट कर
दिल करता है मर जाएं
आज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं