जिस देख मेरा दिल धड़का मेरी जान तड़पति है - The Indic Lyrics Database

जिस देख मेरा दिल धड़का मेरी जान तड़पति है

गीतकार - समीर | गायक - कुमार सानू | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - फूल और कांटे | वर्ष - 1991

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जिसे देख मेरा दिल धड़का मेरी जान तड़पती है
कोई जन्नत की वो हूर नहीं मेरे collegeकी एक लड़की हैये मोरनी के जैसी चले इसकी अदाएं क़ातिल बड़ी
निकले जिधर से ख़ुश्बू उड़े कितनी हसीं है ये गुलछड़ी
निकले जिधर कुछ आज है होने वाला मेरी आँख फड़कती है
कोई जन्नत की वो हूर ...मुझको ये मेरी लैला लगे इसपे लुटा दूँ मैं ज़िन्दगी
जी चाहे इसके लब चूम लूँ हँस के चुरा लूँ इसकी हँसी
इसे छू के मेरी साँसों में कोई आग दहकती है
कोई जन्नत की वो हूर ...