बनती नज़र आती नहीं तदाबीर हमारी - The Indic Lyrics Database

बनती नज़र आती नहीं तदाबीर हमारी

गीतकार - शम्स लखनविक | गायक - नूरजहां | संगीत - मीर साहब | फ़िल्म - लाल हवेली | वर्ष - 1944

View in Roman

बनती नज़र आती नहीं तदबीर हमारी
मर जायेंगे तब जागेगी तकदीर हमारीक्यूँ मस्त हवाएं हमें आ आ के सतायें
कुछ याद दिलायें बिजली सी गिरायें
दिल टूट चुका लुट चुकी जाग़ीर हमारीजी चाहता है आग जमाने में लगा दूँ
दुनिया को जला दूँ
बाकी नहीं अब आहों में तासीर हमारी