मन फुले नहिन समाये - The Indic Lyrics Database

मन फुले नहिन समाये

गीतकार - जाकिर हुसैन | गायक - महिला आवाज?, असित बरन | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - वसीअतनामा | वर्ष - 1945

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अ : ओ

अ : मन फूले नहीं समाये समाये
मन फूले नहीं समाये
क्या पाये क्यूँ इतराये -२
अ : आये जो गुलशन में हो तुम -२
कली-कली मुसकाये
मन फूले नहीं समाये समाये
मन फूले नहीं स
कहाँ गई वो फूल वालीआ
वहाँ गई वो फुलों वाली -२
जहाँ न पहुँचे बाग़ का माली -२
साजन हो साजन -२
मैं वो तितली हूँ
कभी जो हाथ न आये -२अ : अब जो
अब जो कहीं जाओ हमको
कभी न जाने दें हम तुमको
कभी न जाने दें तुमको
छान सके कुंजल कुंजल को -२
छान सके
हार से क्यूँ शरमाये शरमायेअ : ऐसा प्रेम न भाये
मुझे ऐसा प्रेम न भाये
अब क्यूँ न मन इतराये -२