खिली चाँदनी हमें कह रही - The Indic Lyrics Database

खिली चाँदनी हमें कह रही

गीतकार - पी के मिश्रा | गायक - हरिहरन, सहगान, हरिनी | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - प्रियंका | वर्ष - 1995

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खिली चाँदनी हमें कह रही गाओ आज मिल केइस दिल के तुम्ही हो जानमखिली पूर्णिमा चली ये हवा शबनम यहाँ बरसेइस दिल के तुम्ही हो जानम
गाये मेरा मन यूँ ही रात-दिन फिर भी प्यार तरसेआ वो ही भूमि है वो ही आसमाँ अपना दुख भला किसको सुनायेँखिली चाँदनी हमें कह रही गाओ आज मिल के
इस दिल के तुम्ही हो जानमकभी सुख यहाँ कभी दुख यहाँ यही तो है जीवनदेखो डाल पर कोयल बोले कैसे कटे यौवनये ज़िंदगी एक बोझ है तुम प्यार से सँवार दोये चार-दिन की चाँदनी तुम प्यार से गुज़ार दोखिली चाँदनी हमें कह रही गाओ आज मिल के
इस दिल के तुम्ही हो जानम
खिली पूर्णिमा चली ये हवा शबनम यहाँ बरसे
इस दिल के तुम्ही हो जानम
गाये मेरा मन यूँ ही रात-दिन फिर भी प्यार तरसे
आ वो ही भूमि है वो ही आसमाँ अपना दुख भला किसको सुनायेँ
खिली चाँदनी हमें कह रही गाओ आज मिल के
इस दिल के तुम्ही हो जानमSecond versionआ आ आ आ आ आ आ आ आ
खिली चाँदनी हमें कह रही गाओ सखी मिल केलहरा के मधुर तुम गाओखिली पूर्णिमा चली ये हवा नाचो सखी मिल केरस बरसे मधुर तुम नाचोगाये मेरा मन यूँ ही रात-दिन फिर भी प्यार तरसे
आ वो ही भूमि है वो ही आसमाँ अपना दुख भला किसको सुनायेँ
खिली चाँदनी हमें कह रही गाओ सखी मिल के
लहरा के मधुर तुम गाओकभी सुख यहाँ कभी दुख यहाँ यही तो है जीवनदेखो डाल पर कोयल बोले कैसे कटे बचपनये भोओमि हि स्वर्ग है तुम प्यार से सँवार लोये चार-दिन की चाँदनी तुम प्यार से गुज़ार दोखिली चाँदनी हमें कह रही गाओ सखी मिल के
लहरा के मधुर तुम गाओ
खिली पूर्णिमा चली ये हवा नाचो सखी मिल के
रस बरसे मधुर तुम नाचो