समझकर चांद जिसको आसमान ने दिल में रखा है - The Indic Lyrics Database

समझकर चांद जिसको आसमान ने दिल में रखा है

गीतकार - रानी मलिक | गायक - अलका याज्ञनिक, विनोद राठौड़ | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - बाजीगर | वर्ष - 1993

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समझकर चाँद जिसको आसमां ने दिल में रखा है
मेरे महबूब की टूटी हुई चूड़ी का टुकड़ा है
समझकर चाँद जिसको ...मेरी नज़रों से देखो तो वो मेरे दिल का टुकड़ा हैतेरे मेहंदी लगे हाथों में जब चूड़ी खनकती है
तो इस गोरी कलाई में ये दिल बनके धड़कती है
ये दिल बनके धड़कती है
ये चूड़ी आशिक़ों को प्यार के नग्में सुनाती है
सुहानी रात की खामोशियों में हीर गाती है
ये चूड़ी हीर गाती है
ज़मीं पर जो उतर आया ये वो जन्नत का नग़्मा है
समझकर चाँद जिसको ...मेरे महबूब जैसा इस ज़माने में नहीं कोई
दिया लेकर भी ढूंढों तो नहीं ऐसा हसीं कोई
नहीं ऐसा हसीं कोई
कभी टूटे से टूटे न हमारे प्यार की डोरी
तेरी चाहत ही बस मेरे लिए अनमोल है गोरी
अनमोल है गोरी
जुदा हम तुम नहीं होंगे हमारा तुमसे वादा है
समझकर चाँद जिसको ...