मैं क्या करुण प्रेम दिवानी हुं - The Indic Lyrics Database

मैं क्या करुण प्रेम दिवानी हुं

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - सहगान, अलका याज्ञनिक | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - वजूद | वर्ष - 1998

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मैं क्या करूं क्या करूं क्या करूं क्या करूं
प्रेम दीवानी हूँ पर मैं अन्जानी हूँ
उलझी है जो डोरी वो मैं कैसे सुलझाऊं
मैं क्या करूं ...मैं चली थी सपनों के रथ में
फिर चलते चलते मुझे मन के पथ में ये दोराहा कैसा मिला
एक ओर सब रीत रस्में
और एक ओर चाहत की कसमें अब क्या मैं कहूं क्या मिला
इक ओर जीवन है इक ओर साजन है
मेरी अब जो उलझन है वो कैसे समझाऊं
मैं क्या करूं ...मत भूल जा के तू अप्सरा है
तुझको अनन्त जीवन मिला है मुझे लोगों से सुनना पड़ा
पर क्या करूंगी युग युग मैं जी के
प्रीतम के संग इक पल जो बीते वो पल है युगों से बड़ा
तोड़ के हर बंधन छोड़ के हर आंगन
मन कहे हर पल पी के संग मैं बिताऊं
मैं क्या करूं ...