मुख़्तसर मुलाक़ात है, अनकही कोई बात है - The Indic Lyrics Database

मुख़्तसर मुलाक़ात है, अनकही कोई बात है

गीतकार - प्रसून जोशी | गायक - वाजिद अली | संगीत - साजिद-वाजिद | फ़िल्म - तेरी मेरी कहानी | वर्ष - 2012

View in Roman

मुख़्तसर मुलाक़ात है, अनकही कोई बात है
फिर रात की शैतानियाँ, या अलग, ये जजबात है
मौसम ये कहता है, भीगे अंधेरों में
डुबकी लगाते है ना
पर मुझको लगता है, मैं रोक लूँ खुद को
एहसास है ये नया
क्या हुआ, मैं हूँ बेखबर
है नया सा, सुहाना असर
जीत है या मात है
ये तो सुना था, के कुछ ऐसा होता है
पर मुझको भी हो गया
मेरी तो दुनिया बिलकुल अलग थी
अंदाज़ वो खो गया
देखना, डूबना हो गया
डूबना, तैरना हो गया
क्या असर मेरे साथ है