सुहाग की रात आई सजनी - The Indic Lyrics Database

सुहाग की रात आई सजनी

गीतकार - मुंशी आरज़ू, रशीद | गायक - पहाड़ी सान्याल | संगीत - तिमिर बरन | फ़िल्म - अधिकार | वर्ष - 1938

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सुहाग की रात आई सजनी काहे भरे तोरे नैना -२
सुहाग की रातआँगन में तोरा चाँद हँसत है -२
पवन रचत मधु बैन सजनी -२
काहे भरे तोरे नैना
सुहाग की रात आई सजनी काहे भरे तोरे नैना
सुहाग की रातफागुन में चित होत उदासी वाही के सुन बैना -२
सोही कारन भी उदासी धर ना रै मोरे नैना
हाँ सोही कारन भी उदासी धर ना रै मोरे नैना
सजनी धर ना रै मोरे नैना
सुहाग की रात आई सजनी काहे भरे तोरे नैना
सुहाग की रातसाजन तोहे आन पुकारे काहे घूँघट काढ़े -२
अँखियन में सखी काजर फेरो -२
आन बसो मोरे नैन
सुहाग की रात आई सजनी काहे भरे तोरे नैना
सुहाग की रात