दीवाना मुझसा नहीं इस अंबर के निचे - The Indic Lyrics Database

दीवाना मुझसा नहीं इस अंबर के निचे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - तीसरी मंजिल | वर्ष - 1966

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दीवाना मुझ सा नहीं इस अम्बर के नीचे -२
आगे है क़ातिल मेरा और मैं पीछे-पीछे
दीवाना मुझ सा ...पाया है दुश्मन को जब से प्यार के क़ाबिल
तब से ये आलम है रस्ता याद न मंज़िल
नींद में जैसे चलता है कोई चलना यूँ ही आँखें मींचे
दीवाना मुझ सा ...हमने भी रख दी हैं कल पे कल की बातें -२
जीवन का हासिल हैं पल दो पल की बातें
दो ही घड़ी का साथ रहेगा करना क्या है तनहा जी के
दीवाना मुझ सा ...