चंदा सूरज लाखों तारे - The Indic Lyrics Database

चंदा सूरज लाखों तारे

गीतकार - | गायक - नुसरत फतेह अली खान | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - वंदे मातरम (गैर फिल्म) | वर्ष - 1996

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चन्दा सूरज लाखों तारे
हैं जब तेरे ही ये सारे
किस बात पर होती है फिर तक़रारेखिंची हैं लकीरें
इस ज़मीन पे, पर न खींचो देखो
बीच में दो दिलों के है दीवारेदुनिया में कहीं भी, दर्द से कोई भीकरते तो हमको यहाँ पे
एहसास उसके ज़ख्मों क हो के
अपना भी दिल भर भर लायें
रोये न कहेंदूरी क्यों दिलों में रहें
फ़ासलें क्यों बढ़ते रहें
प्यारी है ज़िंदगी है प्यारा जहाँरिश्ते बड़ी मुश्किलों से बनते हैं
यहाँ पे लेकिन
टूटने के लिये, बस एक ही लम्हाइश्क़ दवा है हर एक दर्द की
ज़ंजीर इश्क़ है हर एक रिश्ते की
इश्क़ सारि हदों को तोड़ डाले
इश्क़ तो दुनिया को पल में मिटा भी ले
इश्क़ है जो सारे जहाँ को अमन भी देरौनक है इश्क़ से ही
सारे आलम कीचन्दा सूरज लाखों तारे
हैं जब तेरे ही ये सारे
किस बात पर होती हैं फिर तक़रारेखिंची हैं लकीरें
इस ज़मीन पे, पर न खींचो देखो
बीच में दो दिलों के है दीवारेदुनिया में कहीं भी, दर्द से कोई भी