भूली बिसरी चंद उमीदें - The Indic Lyrics Database

भूली बिसरी चंद उमीदें

गीतकार - रज़ी तिर्माज़िक | गायक - मेहदी हसन | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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भूली बिसरी चंद उमीदें, चंद फ़साने याद आये
तुम याद आये और तुम्हारे साथ ज़माने याद आये
दिल का नगर शादाब था फिर भी ख़ाक सी उडती रहती थी
कैसे ज़माने ऐ गम -ए -जाना तेरे बहाने याद आये
ठंडी सर्द हवा के झोंके आग लगा कर छोड़ गये
फूल खिले शाखों पे नए और दर्द पुराने याद आये
हंसने वालों से डरते थे छुप छुप कर रो लेते थे
गहरी गहरी सोच में डूबे, दो दीवाने याद आये