बेरहम आसमान मेरी मंज़िल बता है कहानी - The Indic Lyrics Database

बेरहम आसमान मेरी मंज़िल बता है कहानी

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - तलत महमूद | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - बहाना | वर्ष - 1960

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बेरहम आसमाँ मेरी मंज़िल बता है कहाँजो न सोचा था वो हो गया
क्यों नसीबा मेरा सो गया
ग़म की ऐसी घटा छा गयी
चैन दिल का कहीं खो गया
ये बता किस लिये
ले रहा है मेरा इम्तिहाँ
बेरहम आसमाँ ...बुझ गया है ये दिल इस तरह
चाँद पिछले पहर जिस तरह
इतनी तारीकियों में बता
राह ढूंढे कोई किस तरह
खो गयीं मन्ज़िलें
हो गया गुम कहीं कारवाँ
बेरहम आसमाँ ...जा रहें हैं न जाने किधर
देख सकती नहीं कुछ नज़र
छोड़ दी नाव मंझधार में
किस किनारे लगे क्या ख़बर
क्या करें दूर तक
रोशनी का नहीं है निशाँ
बेरहम आसमाँ ...मुझसे क़िसमत ने धोखा किया
हर क़दम पे नया ग़म दिया
है ख़ुशी की क़सम कि यहाँ
चैन का साँस तक न लिया
बुझ गया दिल मेरा
रास आया न तेरा जहाँ
बेरहम आसमाँ ...तेरी दुनियाँ में यूँ हम जिये
आँसुओं के समुन्दर पिये
दिल में शिक़वे तड़पते रहे
होंठ लेकिन हमेशा सिये
कब तलक़ हम रहें
तेरी दुनिया में यूँ बेज़ुबाँ
बेरहम आसमाँ ...अब कोई भी तमन्ना नहीं
अब यहाँ हम को जीना नहीं
ज़िंदगी अब तेरे जाम से
एक क़तरा भी पीना नहीं
मौत को भेज के
ख़त्म कर दे मेरी दस्ताँ
बेरहम आसमाँ ...