तुम्हें कसम है मेरी ओ जाने वले कीचड़ के जरा - The Indic Lyrics Database

तुम्हें कसम है मेरी ओ जाने वले कीचड़ के जरा

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - श्री 420 | वर्ष - 1955

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Slow: तुम्हे क़सम है मेरी
दिल को यूँ ना तड़पाओ
ये इल्तिजा है के
मुड़ मुड़ के देखते जाओFast: ओ जानेवाले मुड़के ज़रा देखते जाना
ज़रा देखते जाना
ओ जानेवाले मुड़के ज़रा देखते जाना
ज़रा देखते जाना
दिल तोड़ के तो चल दिये मुझको ना भुलाना
ज़रा देखते जानाफ़रियाद कर रही हैं खामोश निगाहें, खामोश निगाहें-२
आँसू की तरह आँख से मुझको ना गिराना
ज़रा देखते जाना
ओ जानेवाले मुड़के ज़रा देखते जाना
ज़रा देखते जानाक़िस्मत ने कहाँ आ कर मेरी बात बिगाड़ी, मेरी बात बिगाड़ी
मंज़िल पे आ के लुटा मेरे दिल का ख़ज़ाना
ज़रा देखते जाना
ओ जानेवाले मुड़के ज़रा देखते जाना
ज़रा देखते जाना