अंबर की एक पाक सुराही - The Indic Lyrics Database

अंबर की एक पाक सुराही

गीतकार - अमृता प्रीतम | गायक - आशा भोंसले | संगीत - विलायत अली खान | फ़िल्म - कादंबरी | वर्ष - 1975

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अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
घूँट चांदनी पी है हमने, बात कुफ़्र की की है हमनेकैसे इसका कर्ज़ चुकाएं माँग के अपनी मौत के हाथों
अमर की सूनी सी है हमने, बात कुफ़्र की ...अपना इसमे कुछ भी नहीं है,
दो दिल जलते उसकी अमानत
उसको नहीं तो दी है हमने, बात कुफ़्र की ...