भूल सकता है भला कौन ये प्यारी आँखें - The Indic Lyrics Database

भूल सकता है भला कौन ये प्यारी आँखें

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - एन. दत्ता | फ़िल्म - धर्मपुत्र | वर्ष - 1961

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भूल सकता है भला कौन ये प्यारी आँखें
रंग में डूबी हुई नींद से भारी आँखें
मेरी हर साँस ने, हर सोच ने चाहा है तुम्हें
जब से देखा है तुम्हें, तब से सराहा है तुम्हेँ
बस गई हैं मेरी आँखों में तुम्हारी आँखें
रंग में डूबी हुई नींद से भारी आँखें
तुम जो नज़रों को उठाओ तो सितारे झुक जाएँ
तुम जो पलकों को झुकाओ तो ज़माने रुक जाएँ
क्यों न बन जाएँ इन आँखों की पुजारी ऑंखें
रंग में डूबी हुई नींद से भारी आँखें
जागती रातों को सपनों का ख़ज़ाना मिल जाए
तुम जो मिल जाओ तो जीने का बहाना मिल जाए
अपनी क़िस्मत पे करें नाज़ हमारी आँखें
रंग में डूबी हुई नींद से भारी आँखें