अपनी आंखों में बसा कर कोई इकरार करुणि - The Indic Lyrics Database

अपनी आंखों में बसा कर कोई इकरार करुणि

गीतकार - साजन देहलाविक | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शामजी घनशामजी | फ़िल्म - ठोकर | वर्ष - 1974

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अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ-२
जी में आता है कि जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँमैं ने कब तुझ से ज़माने की ख़ुशी माँगी है
एक हलकी सी मेरे लब ने हँसी माँगी है-२
सामने तुझ को बिठाकर तेरा दीदार करूँ
जी में आता है कि जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँसाथ छूटे न कभी तेरा यह क़सम ले लूँ
हर ख़ुशी देके तुझे तेरे सनम ग़म ले लूँ-२
हाय, मैं किस तरह से प्यार का इज़हार करूँ
जी में आता है कि जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ